अधिगम कठिनाइयों , क्षति आदि से ग्रस्‍त बच्‍चो की आवश्‍यकताओ की पहचान | अधिगम अक्षमता के प्रकार एवं कारण

विकलांग बच्चों की आवश्यकताओं की विवेचना कीजि अधिगम अक्षमता के कारणों का वर्णन कीजिए अधिगम अक्षमता के प्रभाव अधिगम अक्षमता के प्रकार एवं क

 आज की पोस्‍ट में हम जानने वाले है कि अधिगम संबधित कठिनाई जैसे श्रवण , दृष्टि , वाक् , स्‍वास्‍थ्‍य एवं संवेग आदि से ग्रस्‍त बच्‍चो की आवश्‍यकताओ की पहचान कैसे कि जाती है और इन समस्‍याओ को क्‍या कहते है । 

अधिगम कठिनाइयों , क्षति आदि से ग्रस्‍त बच्‍चो की आवश्‍यकताओ की पहचान


अधिगम कठिनाईयॉं 

अधिगम सम्बधित कठिनाई  श्रवण , दृष्टि , वाक् , स्वास्थ्  एवं संवेग इत्यादि से संबंधित अस्थायी समस्याओ से जुडी  होती है

यह कठिनाइयॉं निम्‍नलिखित है । 

  1. डिस्लेक्सिया पढने सम्बंधी विकार
  2. डिस्ग्राफियालेखन संबंधी विकार
  3. डिस्कैककुलियागणितीय कौशल संबंधी विकार
  4. डिस्फैसियालेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार
  5. डिसऑर्थोग्राफिया - वर्तनी संबंधी विकार
  6. ऑडिटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डरश्रवण संबंधी विकार
  7. विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर दृश् प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार
  8. सेंसरी इंटिग्रेशन और प्रोसेसिंग डिसआर्डरइन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार
  9. ऑर्गनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर संगठनात्मक सीखने  संबंधी विकार
विकलांग बच्चों की आवश्यकताओं की विवेचना कीजिए] अधिगम अक्षमता के कारणों का वर्णन कीजिए] अधिगम अक्षमता के प्रभाव अधिगम अक्षमता के प्रकार एवं कारण


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    अक्षमता वाले बालको का वर्गीकरण -

     अक्षमता वाले बालको का वर्गीकरण निम्‍नलिखित है ।


    • श्रवण बाधित बालक 
    • दृष्टि बाधित बालक 
    • वाक् विकलांग बालक 



    श्रवण बाधित बालक 

     श्रवण बाधित बालक वर्ग के अन्‍तर्गत श्रवण दोष (जिन्‍हे कम सुनाई देता है ) से ग्रसित या पूर्ण बहरे बालक आते है  बालको में यह दोष जन्‍म से या किसी बीमारी के कारण हो जाता है शिक्षा ग्रहण करने के लिए बालक की पॉचो इन्द्रियो का स्‍वस्‍थ होना अत्‍यन्‍त आवश्‍यक है 


    श्रवण अक्षमता या बाधित बालको का वर्गीकरण 

    – ध्‍वनि का परिसर 1 से 130 डेसीबल होता है । और इसके आधार पर इनको चार भागो मे विभाजित किया गया है – 

    1. कम श्रवण बाधित - 
      1. कम श्रवण बाधितो को 27 डेसीबल से 40 डेसीबल की श्रवण बाधित होती है 
      2. सामान्‍य स्‍तर की बात चीत को आसानी से सुन लेते है 
      3. धीमे स्‍तर से बोलने पर ये बालक सुन नही पाते है 
    2. मन्‍द श्रवण बाधित - 
      1. श्रवण बाधित 40 डेसीबल से 55 डेसीबल की श्रवण बाधित होती है 
      2. सामान्‍य वातालाप सुनने में कठिनाई होती है । 
      3. बच्‍चे सुनने के लिए यंत्र का प्रयोग करके सुन सकते है । 
    3. गंभीर श्रवण बाधित - 
      1. श्रवण बाधित 55 डेसीबल से 70 डेसीबल तक होती है 
      2. इन्‍हे काफी ऊंंचा बोलने पर सुनाई देता है 
      3. इस प्रकार के बच्‍चो को विशेष प्रकार का शिक्षण दयिा जाता है । 
    4. पूर्णतया श्रवण बाधित - 
      1. श्रवण बाधित 70 डेसीबल से 90 डेसीबल या इससे भी अधिक होती है 
      2. इस प्रकार के बालको को यंत्र के प्रयोग के साथ भी सुनने में कठिनाई होती है 
      3. यह प्राय: बधिर होते है 
      4. इस प्रकार के बालको पर विशेष ध्‍यान दिया जाना चाहिए । 
     


    श्रवण अक्षमता बाधित बालको के कारण

     श्रवण बाधिता आनुवांशिक या वातावरण दोनो के परिणामस्‍वरूप हो सकती है ये दोनो तत्‍व बच्‍चो की श्रवण अक्षमता को प्रभावित करते है  अनुवांशिक या वातारवण संबंधी प्रभावो का अध्‍ययन तीन स्‍तरो पर किया जा सकता है ।

    1. जन्‍म से पूर्व प्रभावित करने वाले कारक
      1. आनुवंशिकी 
      2. दवाओ के उपयोग 
      3. रूबैला 
      4. संक्रमण या छूत रोग
      5. कुपोषण व भुखमरी 
    2. जन्‍म के समय प्रभावित करने वाले कारक
      1. ऑक्‍सीजन की कमी 
      2. प्रसव के दौरान प्रयोग किये जाने वाले औजार 
      3. एन्‍सथेटिक दवाइयो का प्रयोग 
      4. प्रसव के समय अधिक रक्‍त प्रवाह 
    3. जन्‍म के बाद प्रभावित करने वाले कारक - 
      1. मेनिनजाइटिस 
      2. कर्णशोध 
      3. दुर्घटनाऍं 
      4. बीमारियॉं व संक्रमण 


    श्रवण अक्षमता या बाधित बच्‍चो की विशेषताऍ

    1. भाषा का विकास
    2. बध्दि
    3. शब्‍दावली कौशल
    4. व्‍यक्तिगत समस्‍याऍ
    5. उच्‍चारण
    6. आवाज
    7. शैक्षिक उपलब्धि 
    8. सामाजिक व संवेगात्‍मक विशेषताऍ 

     


    श्रवण अक्षमता या बाधितो की पहचान

    1. वाणी दोष का होना
    2. अनुदेशनो का अनुसरण करने में असमर्थ होना
    3. इनमें अवधान का अभाव होता है
    4. अपने  सिर को एक तरफ  मोडकर बात को सुनना
    5. पुनरावृति या दोहराने को कहना
    6. अक्‍सर कान में दर्द रहना
    7. शाब्दिक सम्‍प्रेष्‍ज्ञण में कठिनाई का अनुभव होना
    8. ये सीमित शब्‍दावली का प्रयोग करते है
    9. भाषा का सही विकल्‍प नही होता है
    10. ये वाद विवाद कार्यक्रम मे हमेशा संकोच करते है
    11. अक्‍सर इनका कान बहता रहता है 


    श्रवण बाधित बालको की शिक्षा

    1. घेरलु पाठयक्रम –
    2. विशेष स्‍कूल –
    3. व्‍यावसायिक प्रशिक्षण –
    4. क्‍लास व्‍यवस्‍था –
    5. चिन्‍ह भाषा-
    6. पढाने के साधारण ढंग –
    7. पढाने का मौखिक ढंग –
    8. माता-पिता की भूमिका –
    9. स्‍कूल की भूमिका –
    10. अध्‍यापक की भूमिका – 


    दृष्टि बाधित बालक 

    नेत्र मानव शरीर का एक प्रमुख ज्ञानेन्द्रिय है जिसका कार्य किसी वस्‍तु को देखना है यह फोटो कैमरे की भाँति कार्य करती है नेत्र में वस्‍तुओ के वास्‍तविक प्रतिबिम्‍ब रेटिना पर बनते है नेत्र एक प्रकार का प्रकाशीय यंत्र है  इसका लेस प्रोटीन से बने पारदर्शी का बना होता है नेत्र के निम्‍नलिखित भाग होते है – 


    • दृढ़ पटल
    • रक्‍त पटल
    • श्‍वेत मण्‍डल
    • परितारिका
    • पुतली 



    दृष्टि बाधित बालको का वर्गीकरण 

    साधारणत: हम द्ष्टि बाधितो का दो भागो में बॉटते है

    1.  आंशिक दृष्टि बाधित बालक-
      1. ये बडे अक्षरो को मुद्रित भाषा को या उत्‍तम दर्पण की सहायता से शब्‍द पढ सकते है
      2. इनकी दृष्टि क्षमता 20 से 70 तक उत्‍तम ऑख में होती है ।
      3. यह 20 फीट की दूरी तक देख सकता है । जबकि सामान्‍य बालक 70 फीट की दूरी तक तो देख ही सकते है
    2.  पूर्ण रूप से अन्‍धे बालक 
      1. इन्‍हे पहचानना असान होता है
      2. यह बालक ब्रेल लिपि के द्वारा पढाये जाते है इनकी द्ष्टि क्षमता 2 से 20 होती है 
      3. यह बालक शैक्षिक कार्य हेतु नेत्रहीन तक समझे जाते है जब उनकी द्ष्टि एक्‍यूटी 20 से 200 होती है इससे कम होने पर अथवा इसी प्रकार की कोई अन्‍य असमर्थता होने पर भी बालको को अंधो की श्रेणी में डाला जाता है । 


    दृष्टि बाधित बालको के कारण 

    1. ऑखो में कई बार केन्‍द्रीयकरण पैदा हो  जाती है ऑखो की पुतली की गति के कारण भी द्ष्टि बाधित रोग हो सकता है 
    2. संज्ञानात्‍मक  व विकासात्‍मक विकार भी दृष्टि बाधित पैदा करते है ।
    3. विभिन्‍न प्रकार की ऑखो की बीमारियॉ जैस – ट्रैकोमा व ग्‍लूकोमा
    4. समय से पहले प्रसव , एण्‍टीसेप्टिक दवाइयो को प्रयोग और प्रसव के समय प्रयोग होने वाले औजार
    5. जन्‍म से पूर्व अवस्‍था में मॉ द्वारा गलत दवाइयो के प्रयोग , असन्‍तुलित आहार और उचित वातावरण न मिलने के कारण
    6. पढने का गलत ढ़ंग , उचित रोशनी में न पढना व प्रकाश रहित कमरे में कार्य करने से भी
    7. कई बार चोट व दूर्घटना  आदि भी दृष्टि दोष का कारण बन जाते है 

    दृष्टि बाधित बालको की विशेषताऍ 

    1. दृष्टि बाधितो की मानसिक योग्‍यता –
      1. यह सामान्‍य बालको के समान होते है ।  
      2. दृष्टि बाधित बालको मे एकग्रता का विकास होता है और सुनने का कौशल उत्‍तम होता है ।
      3. यह बालक किसी वस्तु की दूरी को नहीं समझ पाते सकते हैं, क्योंकि वे दूरी को देख नहीं सकते हैं
    2. दष्टि बाधितो की भाषा का विकास
      1. सुनना तथा बोलना पाया जाता है इसीलिए इनमें भाषा का दोष नही होता है
      2. बोलना तथा सुनना – भाषा  के मुख्‍य  कौशल है
    3. दृष्टि बाधितो के सामाजिक व समायोजन संबधी कार्य 
      1. इन बालको  में समायोजन क्षमता की समस्‍या सामाजिक कारणो से नही हेाती 
      2. इसमे बालक समायोजन का सुनिश्चित कर लेता है । 

    दृष्टि बाधित बालाको की पहचान 

    1. अक्‍सर सिरदर्द बतलाते है व दर्द के बाद ऑखे बन्‍द कर लेते है
    2. बच्‍चा ऑखो को अत्‍यधिक मलता है
    3. पुस्‍तको को ऑखो के निकट रखकर पढना
    4. बार  बार पलके झपकना आदि
    5. पलको पर खुजली व सूजन
    6. ऑखो का भैंगी होना या लाल होना
    7. ब्‍लैकबोर्ड पर देखने या चार्टो को पढने आदि में कठिनाई 


    दृष्टि बाधित बालको की शिक्षा

    1. प्रकाश की उचित व्‍यवस्‍था -
    2. फर्नीचर एक साथ से दूसरे स्‍थान तक ले जाने वाला -
    3. कक्षाऍ -
    4. सहकारिता -
    5. पाठ्यक्रम -
    6. मेडिकल परीक्षण -
    7. शैक्षिक परीक्षण -
    8. विशेष अध्‍यापक -
    9. व्‍यावसायिक निर्देशन - 

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    वाक् विकलांग बालक 

    वाक् विकलांग बालक वर्ग के अन्‍तर्गत वाणी दोष से ग्रसित आते है । यह दोष बालको में शारीरिक व मनोवैज्ञानिक कारणो से उत्‍पन्‍न हो जाता है । जिससे उसमें तुतलना , हकलाना , उच्‍चारण दोष आदि देखने को मिलता है 

    वाणी बाधित बालको की विशषताऍ –

    1. ये धारा प्रवाह नही बोल सकते
    2. इनकी आवाज कर्कशता लिए होती है
    3. उच्‍चारण अस्‍पष्‍ट होता है
    4. संकोची स्‍वाभाव के होते है
    5. वाणी दोष के कारण हॅसी के पात्र बनते है
    6. समाज में समायोजन नही कर पाते
    7. वाणी दोष से ग्रसित होने के कारण बात करते समय घबराहट महसूस करते है
    8. किसी शब्‍द को बोलने में समय ज्‍यादा लेते है 

    वाणी बाधित बालको की पहचान

    1. वाणी बाधित बालक हकलाता है
    2. नाक से बोलता है
    3. वाणी में भारी पन होना
    4. बहुत धीमें या तेज बोलना 
    5. शब्‍दो को गलत बोलना
    6. कम सूनना और देर से बोलना
    7. उच्‍चारण सही से न कर पाना 

    वाणी बाधित बालको के कारण

    1. तालू का विकृत होना
    2. होंठ का कटा होना
    3. शब्‍दो के गलत उच्‍चारण के बाबजूद सुधार के लिए प्रयास न करना
    4. मनोवैज्ञानिक संवेगो का असन्‍तुलन
    5. गले के रोग
    6. भय व घबराहट का  होना
    7. वंशानुक्रम में दोष्म
    8. स्तिष्‍क का असन्‍तुलन
    9. बार बार टोकना
    10. बोलने पर डराना व धमकाना 

    हम ने सीखा - 

    हम ने इस पोस्‍ट में देखा कि अधिगम से संबंधित कठिनाईयॉं कौन कौन सी होती है और इनका निराकरण कैसे किया जा सकताहै । 



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    Hello ! My name is Ajaykumar . We provide daily information about Central Teacher Eligibility Test (CTET) like - Child development & pedagogy, math pedagogy, Evs pedagogy, Hindi pedagogy, Sanskrit pedagogy, English pedagogy all free notes in Hi…

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