आज हम इस पोस्ट में CTET, MPTET, UPTET में पर्यावरण शिक्षाशास्त्र का सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक पर्यावरण की अवधारणा तथा उसके मुख्य उद्देश्यों को जानने वाले है आशा करता हॅू कि आप इसे अंत तक जरूर पढ़ेगे ।
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पर्यावरण का अर्थ
पर्यावरण की परिभाषा
पर्यावरण की विशेषताऍ
- यह परिवर्तनशील होता है
- यह संसाधनो का भण्डार है
- इसमें क्षेत्रीय विविधता होती है
- इसमें पार्थिव एकता पायी जाती है
- यह जैव जगत का निवास्य या परिस्थान है
- भौतिक पर्यावरण अपार शक्ति का भण्डार होता है ।
- पर्यावरण में विशिष्ट भौतिक प्रक्रिया कार्यरत् रहती है
- पर्यावरण भौतिक तत्वों का समूह या तत्व समुच्चय होता है ।
- पर्यावरण का प्रभाव प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनो रूपों में पड़ता है ।
पर्यावरण की अवधारणा
पर्यावरण अध्ययन एक ऐसा विषय है जिसके माध्यम से प्राथमिक स्तर पर उसे अपने आसपास के संसार को समझने का प्रयास किया जाता है उसमें चिंतन कौशल वैज्ञानिक अभिवृति और सामाजिक संबंधों को समझने का प्रयास कर भविष्य की ओर एक सकारात्मक सोच का प्रादुभार्व किया जाता है ताकि एक सभ्य नागरिक या भावी पीढी का कर्णधार बन सके ।
एनसीएफ 2000 के अनुसार अनुशासन की गई कि कक्षा 3 एवं 5 के लिए विज्ञान और सामाजिक अध्ययन के लिए दो अलग विषय पढाने के स्थान पर इसे एकीकृत रूप से पढाया जाना चाहिए एनसीएफ 2005 ने इस बात पर जोर डालते हुए इस जारी रखने का आह्न किया इस विषय को बाल केन्द्रित एवं एकीकृत करने के लिए इसकी पाठयचर्या को में कक्षा 3-5 के लिए 6 सामान्य विषयों का समावेश किया गया जो कि निम्नलिखित है
- परिवार और मित्र
- जिसमें रिश्ते ,
- काम और खेल ,
- पशु
- पौधें को शमिल किया गया
- भोजन
- आश्रय
- पानी
- यात्रा
- हम जो काम करते है औरबाते करते है
उपयुक्त प्रकरण के माध्यम से जब बच्चा कक्षा 5 में पहुचता है तो वह अपने आप एक विशाल क्षेत्र में परिवार , समुदाय , देश एवं यथार्थवादी संसार को देखने और समझने के लायक हो जाता है
पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता
- पर्यावरण के विभिन्न घटकों से परिचय कराना ।
- पर्यावरण के विभिन्न घटकों को मानव के क्रियाकलापों पर प्रभाव का ज्ञान प्रदान करना ।
- पर्यावरण-प्रदूषण के उन्मूलन में व्यक्ति एवं समाज की भूमिका को उजागर करना ।
- पर्यावरण -चेतना जगाना एवं पर्यावरण -अवबोध विकसित करना ।
- विभिन्न क्षेत्रो में पर्यावरण शोध को विकसित करना एवं बढ़ावा देना ।
- पर्यावरण प्रबंधन एवं संरक्षण हेतु साहित्य का सृजन करना ।
- पर्यावरण -प्रदूषण के स्वरूप , कारण एवं प्रभावों का ज्ञान होना ।
- पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के अंतर्गसंबंध को स्पष्ट करना ।
- क्षेत्रीय पर्यावरणीय समस्याओ का अध्ययन एवं उनके निराकरण के उपाय विकसित करना आदि ।
- पर्यावरण के घटक किस प्रकार परस्पर क्रियात्मक संबंध रखते है इसकी समुचित जानकारी प्रदान करना ।
पर्यावरण में शामिल कुछ मुख्य उद्देश्य
- प्राकृतिक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण के पारस्परिक संबंधों की समझ विकसित करने के लिए बच्चों को अवलोकन और चित्रों इत्यादि के माध्यम से प्रशिक्षित करना ।
- प्रक्षेपण एवं प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से उनमें जैविक , अजैविक , सामाजिक एवं सांस्कृतिक महिलओं के बारे में मूर्त ज्ञान प्राप्ति की ओर अग्रसर करना
- परिवार से शुरूआत कर पूरे विश्व की समझ विकसित करने का प्रयास करना
- उनमें जिज्ञासु , उत्सुकता रचनात्मकता , अवलोकन शक्ति का विकास कर संज्ञानात्मक क्षमता का विकास करना
- वातावरण की बारीकियों को चित्रों एवं अन्य कलाकृतियों के द्वारा समझाने के लिए कौशल का विकास करना
- विभिन्न प्राकर के पर्यावरणीय मुद्दे जैसे - लिंग विभेद , प्रदूषण अनैतिक व्यवहार इत्यादि को मूर्त वस्तुओ से संबंधित कर उन्हे समझने का प्रयास करना ताकि उनक महत्ता समझ, बच्चे इसे अपने जीवन का अंग बनाइए
- उन्हे इस योग्य बनाना की समानता , न्याय मानव की गरिमा और अपने अधिकारों पर्यावरण संबंधित मुद्दो को हल करने में समक्ष हो सके ।