भाषा कौशल (Language skills) क्‍या है ? प्रकार , महत्‍व एवं उद्देश्‍य

भाषा कौशल क्‍या है और भाषा कौशल के प्रकार , उद्देश्‍य , विधियॉं आदि
आज हम जानेगें कि भाषा कौशल क्‍या है और भाषा कौशल के प्रकार , उद्देश्‍य , विधियॉं आदि  । अगर आपके मन भी इस टॉपिक से संबंधित कोई भी प्रश्‍न है तो इस पोस्‍ट को पूरा ध्‍यान पूर्वक पढ़ आपके सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर आपको इसी पोस्‍ट में देखने को मिल जाऐगे । यह टॉपिक शिक्षक प्रात्रता परीक्षा जैसे - CTET/ UPTET / MPTET / REET / HTET जैसी परीक्षाओं के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है ।

Table of Contents




    भाषा कौशल (Language skills) क्‍या है ? प्रकार , महत्‍व एवं उद्देश्‍य


    भाषा कौशल 

    मनुष्य समाज में अन्य व्यक्तियों से संप्रेषण करने के लिए वह बोलकर या लिखकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है, तथा सुनकर या पढ़कर उनके विचारों को ग्रहण करता है।

               भाषा से संबंधित इन चारों क्रियाओं के प्रयोग करने की क्षमता को भाषा कौशल कहा जाता है। 

     यह चारों कौशल एक दूसरे से अंतः संबंधित होते हैं अर्थात किसी न किसी रूप में एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में भाषा कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।


    भाषा कौशल को चार भागों में विभाजित किया गया है । 

    1. श्रवण कौशल ( सुनकर अर्थ ग्रहरण करने का कौशल )
    2. वाचन कौशल ( बोलने का कौशल )
    3. पठन कौशल ( पढ़कर अर्थ ग्रहण करने का कौशल ) 
    4. लेखन कौशल ( लिखेन का कौशल ) 

    श्रवण कौशल (Listening Skill)

    श्रवण का अर्थ  सुनना होता है । अत: श्रवण कौशल का संबंध कर्ण से होता है ध्‍वनियों या उच्‍चारण को सुनना और सुनकर उसके अर्थ को समझना और उसे ग्रहण करने की योग्यता श्रवण कौशल कहलाता है । 

    1. श्रवण एवं पठन कौशल को ग्रहआत्‍मक / ग्राहित कोशल कहते है । 
    2. श्रवण कौशल अन्‍य भाषीय कौशलों को आधार प्रदान करता है । 
    3. छात्र कविता , कहानी , भाषाण , वाद विवाद  आदि का ज्ञान सुनकर ही प्राप्‍त करता है । 
    4. श्रवण कौशल के लिए मस्तिष्‍क की एकाग्रता एवं इंद्रियों का संयम आवश्‍यक होता है । 



    श्रवण कौशल का महत्‍व  

    1. बच्‍चा जन्‍म के बाद ही सुनने लगता है , यह ध्‍वनिया उसके ज्ञान का आधार बनती है । 
    2. श्रवण कौशल ही अन्‍य भाषायी हौसलों को विकसित करने का प्रमुख आधार बनता है  । 
    3. इससे ध्‍वनियों के सूक्ष्‍म अंतर को पहचानने की क्षमता विकसित होती है । 
    4. विभिन्‍न साहित्यिक व सांस्‍कृतिक की प्राप्ति में सहायक है । 

    श्रवण कौशल  के उद्देश्‍य  

    1. श्रुत सामग्री का सारांश ग्रहण करने की योग्‍यता विकसित करना । 
    2. धैर्य पूर्वक सुनना , सुनने के शिष्‍टचार का पालन करना । 
    3. ग्रहरण शीलता की मन स्थिति बनाए रखना । 
    4. शब्‍दों , मुहावरों व उक्तियाे का अर्थ का भाव समझना । 
    5. छात्रों में भाषा का साहित्‍य के प्रति रूचि पैदा करना । 
    6. छात्रों का मानसिक एवं बौद्धिक विकास करना । 
    7. भावो , विचारों को ढंग से समझने की शक्ति का विकास करना । 
       

    श्रवण कौशल विकसित करने की शिक्षण विधियॉं 

    1. कहानी सुनाना - कहानी के द्वारा  बच्‍चों का ध्‍यान सुनने की तरफ आकर्षित किया जा सकता है । 
    2. प्रश्‍नोत्तर विधि - कक्षा में शिक्षण के दौरान अध्‍यापक पठन सामग्री का आधार बनाकर प्रश्‍न पूछता है छात्र यदि सही से पाठ को सुनेगा तथा उत्तर दे पाएगा और पठित सामग्री के आधार पर प्रश्‍न पूछने से छात्र कक्षा में पढ़ाई गई बातो को ध्‍यान पूर्वक सुनेंगे । 
    3. भाषाण विधि - प्राय: यह मौखिक कौशल को विकसित करने का साधन है किंतु छात्रों को पहले यह बता दिया जाता है । कि भाषाण को ध्‍यान से सुनो । 
    4. कविता सुनाना - श्रवण कौशल को विकसित करने के लिए छात्रों को कविता सुनाइ्र जाती है । 

    श्रवण कौशल के शिक्षण हेतु श्रवण और दृश्‍य सहायक सामग्री 


    1. टेप रिकॉर्डर 
    2. रेडियो 
    3. चलचित्र 
    4. ग्रामोफोन 
    5. वीडियों  
    6. कम्‍प्‍यूटर 

      भाषण कौशल (Speech skills)


    भाषण का अर्थ है 'मौखिक अभिव्‍यक्ति' । जब छात्र अपने विचारो एवं भावों को स्‍पष्‍ट रूप से प्रकट करने का प्रयास करता है तो उसे भाषण कौशल का सहारा लेना पडता है । भाषा कौशल के आधार पर ही उनकी अभिव्‍यक्ति का मूल्‍यांकन किया जाता है 

    जब एक छात्र सस्‍वर एवं धारा प्रवाह रूप में बोलने हुए अपने विचारो को प्रस्‍तुत करता है तो यह माना जाता है कि उसमे वाचन कौशल की योग्‍यता है । 


    भाषण कौशल का महत्‍व  

    1. दैनिक जीवन में सभी कार्य भाषण कौशल के आधार पर ही संभव हे जो छात्र जितना अधिक वाकपुट होता है उतना ही जीवन मे सफल माना जाता है 
    2. भाषण कौश्‍साल के माध्‍यम से छात्र द्वारा कठिपन विचारों को भी सरलतम रूप में प्रस्‍तुत किया जा सकता है तथा दूसरे के मनोभावों को भी सरलतम रूप से समझा जा सकता है । 
    3. भाषण कौशल के माध्‍यम से छात्रों का व्‍यक्तित्‍व वि‍कसित होता है क्‍योकि वे प्रत्‍येक तथ्‍य का प्रस्‍तुतीकरण सारगर्भित एवं प्रभावी रूप से करने मे सक्षम होत है । 
    4. भाषण कौशल के माध्‍यम से बालको के शब्‍द भंडार में वृद्धि होती है क्‍योकि वाचन में अनेक प्रकार के नवीन शब्‍दो को बोलने का प्रयास करता है । 

     भाषण कौशल के उद्देश्‍य 

    1.  छात्रों में अपने भाव एवं विचारो को प्रभावी ढंग से प्रस्‍तुतीकरण की योग्‍यता का विकास करना जिससे कि वे सभी तथ्‍यों का सारगर्भित प्रस्‍तुतीकरण कर सके ।
    2. भाषण कौशल के उद्देश्‍य छात्रो में क्रमिक रूप से तथा धाराप्रवाी रूप में बोलने की क्षमता विकसित करना है जिससे विभिन्‍न वासी प्रकरणों पर अपनी दक्षता का प्रदर्शन कर सके ।
    3. छात्रो में संकोच एवं झिझक को दूर करने आत्‍मविश्‍वास की भावना जाग्रत करना तथा जिससे भाषा के अनेक प्रकरणो पर धारा प्रवाह रूप में आत्‍मविश्‍वास के साथ बोल सके ।
    4. छात्रो में प्रसंगानुसार मुहावरे एवं लोकोक्तियों के प्रयोग की क्षमता विकसित करना जिससे वे अपने प्रस्‍तुतीकरण को प्रभावोत्‍पादक बना सके ।


    वाचन/पठन कौशल (Reading Skill)

    भाषा शब्द से ही ज्ञात होता है कि भाषा का मूल रूप उच्चररत रूप है। इसका दृष्टिकोण प्रतीक लिपिबद्ध होता है। मुद्रित रूप लिपिबद्ध रूप का प्रतिनिधि है जब हम बच्‍चे को पढाना आरम्‍भ करते है तो अक्षरो के प्रत्‍यय हमारे मस्तिष्‍क के कक्ष भाग में क्रमबद्ध होकर एक तस्‍वीर बनाती है और हम उसे उच्‍चरित करते है यह क्रिया जिसमें शब्‍दो के साथ अर्थ ध्‍वनि भी नीहित है वाचन कहलाती है ।


    वाचन/पठन कौशल का महत्व

    1. वाचन की जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अवश्यकता होती है। वाचन की योग्यता न रखने से व्यक्ति संसार की  सांस्कृतिक महानता में ऄपने अस्तित्‍व आनन्‍द नहीं ले पाता। 
    2. वाचन योग्यता के बिना मनुष्य के जीवन में कई प्रकार की बाधाएाँ खडी हो जाती हैं। 
    3. वाचन शिक्षा प्राप्ति में सहायक है। 
    4. वाचन कौशल ज्ञानोपार्जक का साधन है, क्योंकि पाठ्य पुस्तक पढ़ने से तो केवल ज्ञान के दशर् होते हैं।  संर्दभ ग्रन्थ पढ़ने से ज्ञान की पिपासा कुछ हद तक शान्त होती है। 
    5. अधुनिक युग  विशिष्टताओं’ का युग है, व्‍यक्ति जिस भी व्यवसाय मैं है वह विशिष्‍टता प्राप्‍त  करना चाहता  है, नवीनतम जानकारी प्राप्‍त करना चाहता, है या जानकारी इसे पुस्तकों से मिलती है| 


    वाचन/पठन कौशल के उद्देश्य

    1. बालको के स्‍वर में आरोह - अवरोह एक ऐसा अभ्‍यास करा दिया जाए कि अथासर भावो के अनुकूल स्‍वर में लोच देकर पढे
    2. बालको को वाचन के माध्‍यम से शब्‍द ध्‍वन्यिों का पूर्ण ज्ञान कराया जाता है वाचन की इस कला को छात्र मुॅह व जिब्‍हा के उचित स्‍थान से ध्‍वनि उच्‍चारित करते रहेगे
    3. वाचन के माध्‍यम से शब्‍दो पर उचित बल दिया जाता है
    4. छात्र पढकर उसका भाव समझे तथा दूसरो को भी समझाऍ वाचन का यह एक उद्देश्‍य है
    5. वाचन के अक्षर , उच्‍चरण , ध्‍वनि , बल , निर्गम , सस्‍वरता आदि को सम्‍यक् संस्‍कार प्राप्‍त होता है

    लेखन कौशल (Writing Skill) 

    मौखिक रूप से अन्‍तर्गत भाषा का ध्‍वन्‍यात्‍मक रूप एवं भावो की मौखिक अभिव्‍यक्ति है जब इन ध्‍वनियो को प्रतीको के रूप में व्‍यक्‍त किया जाता है इन्‍हे लिपिबद्ध करने स्‍थायित्‍व प्रदान करते है तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है भाषा के इस प्र‍तीक रूप की शिक्षा , प्रतीको को पहचान कर उन्‍हे बनाने की क्रिया अथवा ध्‍वनि को लिपिबद्ध करना लिखना है ।


    लेखन शिक्षण के उद्देश्य

    1. छात्र सोचने एवं निरीक्षण करने के उपरान्त भावों को क्रमबद्ध रूप से व्यक्त कर सकेगा।
    2. छात्र सुपाठ्य लेख लिख सके गा।
    3. शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिख सके गा। 
    4. छात्र ध्वनि, समूहों, शब्द, सूक्ति मुहावरो का ज्ञान प्राप्‍त कर सकेंगे। 
    5. विराम चिन्हों का यथोचित प्रयोग कर सके गा। 
    6. ऄनुलेख, सुतलेख तथा श्रुतलेख लिख सके गा। 
    7. व्याकरण सम्मत भाषा का प्रयोग करने में सक्षम होंगे। 
    8. वह वाक्यों में शब्दों, वाक्यांशों तथा का शुद्ध गठन करेगा। 
    9. विभिन्न रचना वाले वाक्यों का शुद्ध गठन करेगा। 

    लेखन कौशल के गुण

    1. लेखन, सुन्दर, स्पष्ट एवं सुडौल हो। 
    2. इसमें प्रवाहशीलता एवं क्रमबद्धता हो। 
    3. विषय (शिक्षण) सामग्री उपयुक्त अनुच्छेदों में विभाजित हो। 
    4. भाषा एवं शैली में प्रभावोत्पादकता हो। 
    5. भाषा व्याकरण सम्मत हो। 
    6. अभिव्यक्ति संक्षिप्‍त, स्पष्ट तथा प्रभावोत्पादक हो 


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    इस पोस्‍ट मे हम ने भाषा कौशल क्‍या है उसके प्रकार एवं उद्देश्‍य को विस्‍तार से जाना आशा करता हूँ । कि आप सभी को यह पोस्‍ट अच्‍छी लगी होगी अगर अच्‍छी लगी है तो इस पोस्‍ट को अपने दोस्‍तो तक जरूर शेयर करे ।



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