इस पोस्ट में हम गणित का पाठ्यक्रम में स्थान /पाठ्यचर्या में गणित का स्थान क्या है इसके बारे में समझने वाले है । साथ ही पाठ्यक्रम में गणित को विशेष स्थाने देने वाले कारण भी जानेगे ।
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Math pedagogy : पाठ्यचर्या में गणित का स्थान |
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पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
गणित एक ऐसा विषय है जिससे मानव का विकास सम्भव है इसी के आधार पर अन्य विषयों का महत्व है इसके बिना सभी नगण्य है जैसे इतिहास , भूगोल , रसायन विज्ञान , भौतिक विज्ञान आदि ।
आधुनिक युग की प्रगति में भी गणित का योगदान है चन्द्रमा तक पहुॅचने हेतु वैज्ञानिको ने भी गणितीय गणनाओं का ही सहारा लिया । गणित के विकास के साथ ही नई नई खोजो के विषय मे भी पता चला है ।
किसी भी विषय का शिक्षा में स्थान इस बात पर निर्भर करता है । कि यह वह विशेष शिक्षा के उद्देश्य को पूरा करने मे कितना सहायक है प्राचीन काल से एक गणित विशेष के उद्देश्य की पूर्ति करने में सहायक है ।
कोठारी कमीशन के अनुसार - राष्ट्रीय शिक्षा आयोग 1964 अध्यक्ष -दौलतसंहि
गणित की सामान्य शिक्षा के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों के लिए पहली कक्षा से लेकर दसवी कक्षा तक एक अनिवार्य विषय बना देना चाहिए ।
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गणित के अनिवार्यता के तथ्य
- मानसिक और बौद्धिक विकास करने के लिए
- तर्कशक्ति, विचार शक्ति,, अनुशासन , आत्मविश्वास पर नियंत्रण करने के लिए
- नियमित एवं क्रमबद्ध आदतों का विकास करने के लिए
- गणित सभी विज्ञानों का विज्ञान होने के कारण
पाठ्यचर्या में गणित को विशेष स्थान देने के कारण
- विज्ञान विषयो का आधार होना
- गणित का मानव जीवन से घनिष्ट संबंध
- बच्चों में तार्किक दृष्टिकोण पैदा कर देना
- सोचने की शक्ति प्रदान करना
- गणित एक यथार्य विज्ञान है
- स्कूल के अन्य विषयों के अध्ययन में सहायक
- चरित्र निर्माण एवं नैतिकता के विकास में सहायक
- गणित की भाषा का सार्वभौमिक होना
- गणित अनुशासन संबंधित गुणों का विकास करता है
- गणित मानसिक शक्तियों को विकसित करने का अवसर प्रदान करती है ।
गणित की आधारभूत सरंचनाऍ
- बीज गणितीय संरचना - योग, घटाना , गुणा, भाग आदि ।
- तलरूप संरचना - सीमा समीपता आदि ।
- क्रमिक संरचना - से बड़ा तथा से छोटा
गणित शिक्षण की दैनिक जीवन में उपयोगिता
- नित्य के कार्यो में उपयोगिता
- सामाजिक एवं भैतिक समृद्धि का विकास में उपयोगिता
- सांस्कृतिक समृद्धि के विकास में उपयोगिता
- चारित्रिक मूल्य स्थापित करने में गणित की उपयोगिता
- भैतिक सभ्यता की रीढ़ में उपयोगिता