आज हम इस पोस्ट में CTET / MPTET / Other TET एग्जाम से संबंधित Math pedagogy का टॉपिक गणित का मूल्यांकन ( evaluation of mathematics ) क्या है मूल्यांकन के प्रकार , उद्देश्य , मूल्यांकन की प्रकिया , आवश्यकता एवं महत्व को विस्तार से जानने वाले है अगर आप चाहते है कि आप से गणित पेडागॉजी से संबंधित प्रश्न पेपर में तुरंत बने तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढे जिससे आपके सभी प्रश्न के जबाव आपको मिल सके ।
evaluation of mathematics |
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गणित का मूल्यांकन -
आकलन व मूल्यांकन एक सतत् प्रक्रिया है इसके द्वारा हम शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के साथ साथ प्रतिपुष्टि करते रहते है मूल्यांकन का उद्देश्यय बच्चों की अभिव्यक्ति , क्षमता , अनुभूति आदि का मापन करना और मूल्यांकन एक व्यापक प्रक्रिया है
मूल्यांकन के प्रकार
मूल्यांकन के तीन प्रकार होते है
- अनौपचारिक / निर्माणात्मक / रचनात्मक मूल्यांकन
- औपचारिक / योगात्मक / संकलनात्मक मूल्यांकन
- निदानात्मक मूल्यांकन
अनौपचारिक मूल्यांकन
औपचारिक मूल्यांकन
योगात्मक मूल्यांकन सत्र के अंत में होता है अध्यापक द्वारा पढाने के बाद यह देखना कि बच्चों ने ज्ञान को किस हद तक ग्रहण किया है । यह साल में दो बार सितंबर ओर मार्च में होता है । और इसको हम उपलब्धि परीक्षण भी कहते है पूरे वर्ष भर की बच्चों की उपलब्धि का सार देता है
निदानात्मक मूल्यांकन
वह जो बच्चे असफल हो रहे है उन बच्चो के असफलता का कारण ढूॅढना निदानात्मक मूल्यांकन कहलाता है
मूल्यांकन के उद्देश्य -
- पाठ्यक्रम में आवश्यक संसोधन करना
- परीक्षा प्रणाली में सुधार करना
- निर्देशन एवं परामर्श हेतु उचित अवसर प्रदान करना
- अध्यापको की कार्यकुशलता एवं सफलता का मापन करना
- बालको के व्यवहार संबंधी परिवर्तनों की जांच करना
- बालको की दुर्बलताओं तथा योग्यताओ की जानकारी प्रदान करने में सहायता देना
- नवीनतम एवं प्रभावी शिक्षण विधियों एवं प्रविधियों की खोज करना
- अनुदेशन की प्रभाव शीलता का पता लगाना
- प्रचलित शिक्षण विधियों तथा पाठ्यपुस्तको की जांच करके उनमें अपेक्षित सुधार करना
- बालको को उत्तम ढंग से सीखने के लिए प्रोत्सहित करना
मूल्यांकन की आवश्यकता एवं महत्व
- मूल्यांकन के द्वारा बालाके की मानसिक शक्ति रूचि तथा उनके द्ष्टिकोण का अनुमान लगाया जा सकता है
- योग्यातानुसार बालको को विभिन्न समूहों में विभाजित करने के लिए आवश्यक है
- छात्रों को व्यावसायिक एवं शैक्षिक निर्देशन देने के लिए आवश्यक है
- उनके द्वारा अधिगम प्रक्रिया में सुधार होता है
- पाठ्यक्रम पाठ्य पुस्तक एवं शिक्षण विधियों में सुधार करने हेतु अत्यन्त आवश्यक है
- इसके द्वारा छात्रों को अपनी कमजोर तथा मजबूत स्थिति का पता लगता है ।
- बालको की कक्षोन्नति और कक्षा विभाजन मे सुविधा प्रदान करता है
- परीक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधार होता है ।
मूल्यांकन की प्रक्रिया
- उद्देश्यों का चयन एवं निर्धारण करना
- उद्देश्यो का विश्लेषण करना
- मूल्यांकन प्रविधियों का चयन करना
- प्रविधियों का प्रयोग एवं परिणाम निकालना
- परिणामों की व्याख्या एवं सामान्यीकरण करना