बुद्धि के निर्माण का आलोचनात्‍मक दृष्टिकोण एवं बहुआयामी बुद्धि -Building intelligence and multidimensional intelligence

आज की इस पोस्‍ट में हम बुद्धि के निर्माण का आलोचनात्‍मक दृष्टिकोण को देखने वाले है साथ ही बुद्धि परीक्षण क्‍या है यह कितने प्रकार का होता है सभी के
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आज की इस पोस्‍ट में हम बुद्धि के निर्माण का आलोचनात्‍मक दृष्टिकोण को देखने वाले है साथ ही बुद्धि परीक्षण क्‍या है यह कितने प्रकार का होता है सभी के बारे में विस्‍तार पूर्वक पढ़ने वाले है तो अंत तक जरूर पढ़े जिससे आपको सभी प्रश्‍नो के उत्तर मिल सके । 

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बुद्धि के निर्माण का आलोचनात्‍मक दृष्टिकोण एवं बहुआयामी बुद्धि -Building intelligence and multidimensional intelligence

बुद्धि निर्माण एवं बहुआयामी बुद्धि





 

बुद्धि क्‍या है ?  

बुद्धि एक ऐसी शक्ति है जो व्‍यक्ति परिस्थितियो के  साथ समायोजन  करने की क्षमता प्रदान करती है बुद्धि कोई मूर्त वस्‍तु नही है जिसे देखा जा सके । यह अमूर्त है इसिलिये केवल इसके प्रभावो और परिणामो को ही जाना जा सकता है ।

    1. बुद्धि के आधार पर व्‍यक्ति की योग्‍यताओ का निर्धारण किया जाता है 
    2. बुद्धि के कारण ही व्‍यक्ति  भावी आवश्‍यकताओ की पूर्ति के लिये योजनाये बनाता है 
    3. बुद्धि कोई तत्‍व नही अपितु यह विभिन्‍न्‍ मानसिक योग्‍यताओ का समूह है 
    4. 1885 ई. में फ्रांसिस गाल्‍टन ने सर्वप्रथम बुद्धि शब्‍द का प्रयोग किया  


बुद्धि की परिभाषा 

बिने के अनुसार – बुद्धि व्‍यक्ति की वह क्षमता है जिसकी सहायता से वह किसी लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिये उचित व्‍यवहार कर पाता है आवश्‍यकतानुसार इसमें परिवर्तन ला सकता है

स्‍टर्न के अनुसार –  ‘’ नई परिस्थितियो मे समायोजन की योग्‍यता बुद्धि है  ‘’



बुद्धि की विशेषताऍ 

    1. बुद्धि व्‍यक्ति की जन्‍मजात शक्ति है 
    2. बुद्धि व्‍यक्ति को अमूर्त चिन्‍तन की योग्‍यता प्रदान करती है 
    3. बुद्धि व्‍यक्ति को विभिन्‍न्‍ बातो को सीखने से सहायता देती है 
    4. बुद्धि व्‍यक्ति को अपने गत अनुभवो के लाभ उठाने की क्षमता देती है  
    5. बुद्धि व्‍यक्ति की कठिन परिस्थितियो और जटिल समस्‍याओ का सरल बनाती है 


बुद्धि के प्रकार 

थॉर्नडाइक के अनुसार
    1. यांत्रिक बुद्धि (मूर्त) (स्‍थूल)
    2. अमूर्त बुद्धि (सूक्ष्‍म )
    3. सामाजिक बुद्धि 

गैरिट के अनुसार – 
    1. मुर्त बुद्धि (यांत्रिक ) (स्‍थूल)
    2. अमूर्त  बुघ्दि (सूक्ष्‍म)
    3. सामाजिक बुद्धि 


यांत्रिक / मुर्त / स्‍थूल  बुद्धि – इस बुद्धि को व्‍यवहारिक या यांत्रिक बुद्धि भी कहते है इसका संबंध यन्‍त्रो और मशीनो से होता है जिसे व्‍यक्ति में यह बुद्धि होती है वह ज्ञान में यन्‍त्रो और मशीनो के कार्य में विशेष रूचि रखता है 

जैसे – अच्‍छे डॉक्‍टर , मैकेनिक , अभियन्‍ता , व्‍यापारी ,इतिहासकार ,वस्‍तुकार , इंजीनियर , औघोगिक कार्यकर्ता आदि । 


अमूर्त / सुक्ष्‍म बुद्धि -  इस बुद्धि का संबंध पुस्‍तकीय ज्ञान से होता है  जिस व्‍यक्ति में यह बुद्धि होती है वह ज्ञज्ञन अर्जन करने विशेष रूचि लेता है तथा वह तर्क –विर्तक एवं अमूर्त चिंतन करता है 

        जैसे -  दार्शनिक , वैज्ञानिक , कलाकार , चित्रकार आदि 


सामाजिक बुद्धि – इस बुद्धि का संबंध व्‍यक्तिगत और सा‍माजिक कार्यो से होता है जिसे व्‍यक्ति में यह बुद्धि होती है वह मिलनसार सामाजिक कार्यो में रूचि लेने वाला और मानव संबंध के ज्ञान से परिपूर्ण होता है 

जैसे – राजनेता ,चित्रकार , मंत्री , सामाजिक कार्यकर्ता आदि



बुद्धि को प्रभावित करने वाले कारक 

    1. वातावरण –( सर्वाधिक )
    2. वंशानुक्रम – (नाममात्र ) 
    3. वातावरण और वंशानुक्रम की अन्‍त क्रिया – 


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बुद्धि के सिद्धांत 

1.एक खण्‍ड / एक तत्‍व / एक कारकीय सिंध्‍दात --  इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन अल्‍फ्रेड बिने है तथा इस सिध्‍दांत का सहयोग स्‍टर्न तथा टरमैन ने दिया ।
    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि में एक तत्‍व होता है 
    2. एक तत्‍व के कारण इसकी अलोचना की गई जिससे इसे वर्तमान समय में  निरकुंशवादी सिध्‍दांत भी कहा जाता है । 
    3. यह बुद्धि का सबसे प्राचीन और प्रथम सिध्‍दांत है । 
    4. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि एक अविभाज्‍य और एकात्‍मक इकाई है 

2.दो तत्‍व / दो खण्‍ड / व्दिकारकीय सिध्‍दांत -  इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन स्‍पीया मैन थे जो इंग्लैण्‍ड के थे
    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि में दो तत्‍व होते है 
    2. बुद्धि के दो तत्‍व - 
      1. सामान्‍य कारक (general ability) 
      2. विशिष्‍ट कारक (specific ability )
    3. सामान्‍य कारक जन्‍मजात होता है और विशिष्‍ट कारक अर्जित कारक होता है । 
    4. सबसे महत्‍वपूर्ण कारक सामान्‍य कारक होता है 

3.तीन तत्‍व / त्रिखण्‍ड / त्रिकारकीय सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का भी प्रतिपादन स्‍पीयरमैन है 

    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि मे तीन तत्‍व होते है 
    2. बुद्धि के तीन तत्‍व – 
      1. सामान्‍य कारक 
      2. विशिष्‍ट कारक 
      3. सामूहिक कारक 
    3. सामूहिक कारक जन्‍मजात और अर्जित कारको का समूह है 

4.बहुकारकीय सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन एडवर्ड ली थॉर्नडाइक है 

    1. इसे बालु या परमाणुवादी  का सिध्‍दांत भी कहते है 
    2. बुद्धि में असंख्‍य या अनेक तत्‍व होते है 
    3. थॉर्नडाइक के अनुसार बुद्धि के उतने ही तत्‍व होते है जितने प्रकार की क्रियाऍ वह करता है 
    4. यही सब तत्‍व मिलकर प्रत्‍येक कार्य को करते है 


5.समूहकारकीय सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन लूईस थर्स्‍टन थे । 
    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि 7 प्राथमिक कारको से मिलकर बनी है 
    2. प्रत्‍येक कारक एक दूसरे से भिन्‍न होते है यह कहे कि अदितीय है 
    3. बुद्धि के सात कारक – 
      1. आंकिक कारक (अंको को पहचाने की क्षमता )
      2. शाब्दिक कारक (शब्‍दो को पहचाने की क्षमता )
      3. स्‍थानिक कारक (कल्‍पना करने की शक्ति )
      4. तार्किक कारक (तर्क करने की क्षमता )
      5. शब्‍द प्रवाह कारक( बोलने की क्षमता )
      6. स्‍मृति कारक ( याद करने की क्षमता ) 
      7. प्रत्‍यक्षात्‍मक कारक ( प्रत्‍यक्ष / तुरन्‍त उत्‍तर देने की क्षमता ) 

6.त्रिआयामी सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन जे. पी. गिलफॉर्ड ने किया था । 

    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार बुद्धि के तीन आयाम होते है 
    2. इस सिध्‍दांत को त्रिविमीय या बुद्धि का संरचना का सिध्‍दांत भी कहते है । 
    3. बुद्धि के तीन आयाम – 
      1. संक्रिया 
      2. विषयवस्‍तु 
      3. उत्‍पाद (परिणाम )


7.तरल और ठोस बुद्धि का सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन कैटल और हॉर्न ने दिया था 

    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार दो प्रकार की बुद्धि होती है 
    2. बुद्धि के प्रकार – 
      1. ठोस बुद्धि (अर्जित ) (यह आयु के अनुसार घटती है)
      2. तरल बुद्धि (जन्‍मजात ) (जन्‍म से मृत्‍यु तक स्थिर) 
    3. तरल बुद्धि तर्क करने , चिंतन करने , या समस्‍या का समाधान निकालने की जन्‍मजात योग्‍यता है 
    4. ठोस बुद्धि प्रशिक्षण के द्वारा प्राप्‍त कौशलो वाली बुद्धि और यह अर्जित होती है 

8.त्रिस्‍तरीय सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन जॉन बी. केरॉल ने किया था 
    1. केरॉल के अनुसार बुद्धि के तीन स्‍तर होते है 
    2. बुद्धि को विभिन्‍न कारको के रूप में विभाजित किया 
    3. बुद्धि के तीन स्‍तर – 
      1. सामान्‍य स्‍तर 
      2. विस्‍तृत स्‍तर  
      3. संकीर्ण स्‍तर 

9.बहुआयामी / बहुबुद्धि / सात बुद्धि सिध्‍दांत – इस सिध्‍दांत का प्रतिपादन हॉवर्ड गार्डनर (1983ई. )ने दिया था 
    1. इस सिध्‍दांत के अनुसार एंकाकी न होकर बहुकारकीय होती है 
    2. इनके अनुसार बुद्धि के मूल्‍यत:  सात तत्‍व होते है जो एक दूसरे से भिन्‍न होते है 
    3. बुद्धि के सात तत्‍व – 
      1. भाषायी बुद्धि (जिसमे भाषा का सर्वाधिक ज्ञान हो)
      2. तार्किक बुद्धि (वह बुद्धि जिसमे तर्क ,चिंतन की योग्‍यता हो )
      3. स्‍थानिक बुद्धि (दीवास्‍वपन देखकर सकारात्‍मक विषयवस्‍तु का निर्माण करना )
      4. शारीरिक गतिज बुद्धि (शरीर की गतियो पर नियंत्रण करना )
      5. संगीतज्ञ बुद्धि (संगीत संबंधी बुद्धि )
      6. अन्‍तर वैयक्तिक बुद्धि (अंतरवैयक्तिक बुद्धि का वैयक्तिकआत्‍म बुद्धि )
      7. अन्‍तरा वैयक्तिक बुद्धि (वैयक्तिक अन्‍य बुद्धि )
    4. वर्तमान में बुद्धि के 9 कारक खोजे जा चुके है जिसमें से आठवॉ कारक प्रकृति बुद्धि (1998)और नॉवा अस्तिववादी बुद्धि (2000) इस प्रकार कुल नौ कारक है 


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बुद्धि परीक्षण 

 बुद्धि परीक्षणो का प्रार्दुभाव सर्वप्रथम अमेरिका मे हुआ । बुद्धि परीक्षणो से तार्त्‍पय उन परीक्षणों से है । जो बुद्धिलब्धि के रूप में एक अंक के माध्‍यम से व्‍यक्ति की योग्‍यताओ की ओर संकेत  करते है बुद्धि विकास परीक्षणो को दो वर्गो में विभाजित किया जा सकता है 

    1. व्‍यक्तित्‍व ( व्‍यक्तिगत बुद्धि परीक्षण )
    2. सामूहिक बुद्धि परीक्षण

व्‍यक्तिगत बुद्धि परीक्षण –

 यह परीक्षण एक समय में एक व्‍यक्ति पर किया जाता है इसका आरंभ विने द्वारा किया गया व जिसका असंशोधन साइमन महोदय ने किया   ।  उन्‍होने 3 से 13 वर्ष की आयु वर्ग के बालको पर बुद्धि परीक्षण किया यह विने साइमन परीक्षण के नाम से जाना जाता है यह निम्‍न दो प्रकार का होता है 

व्‍यक्तित्‍व भाषात्‍मक परीक्षण – इसमें वस्‍तुए काल्‍पनिक होती है 

व्‍यक्तित्‍व क्रियात्‍मक परीक्षण – यह परीक्षण उनके लिए किया जाता है जिनको भाषा का ज्ञान कम होता है या कम पढे लिखे होते है इस परीक्षण मे वास्‍तविक वस्‍तुओ का प्रयोग किया जाता है । 

उदा- भूल भूलैया परीक्षण


सामूहिक बुद्धि परीक्षण -

यह परीक्षण एक समय में अनेक व्‍यक्तियो के लिये किया जाता है जिसका आरंभ प्रथम विश्‍व युध्‍द के दौरान अमेरिका में हुआ था उस समय वहा की सरकार मानसिक योग्‍यताओ के अनुसार सेना में सैनिको , अपसरो , तथा अन्‍य कर्मचारियो के पद पर नियुक्‍त करना चाहती थी इसे भी दो भागो में विभाजित किया जा सकता है। 

    1. सामूहिक भाषात्‍क (शाब्दिक बुद्धि)  परीक्षण- 
      1. आर्मी एल्‍फा परीक्षण
      2. सेना सामान्‍य वर्गीकरण परीक्षण
    2. सामूहिक क्रियात्‍मक (अशाब्दिक बुद्धि ) परीक्षण
      1. आर्मी बीटा परीक्षण
      2. बुद्धि लब्धि क्रियात्‍मक परीक्षण


बुद्धि परीक्षण – व्‍यक्तिगत परीक्षण एवं सामूहिक परीक्षण

आधार

व्‍यक्तिगत परीक्षण

सामूहिक परीक्षण

1 आयु विस्‍तार

व्‍यक्तिगत परीक्षण वयस्‍को एवं बच्‍चो दोनो पर प्रयुक्‍त किय जा सकते है

सामूहिक परीक्षण केवल वयस्‍को के लिए ही प्रयुक्‍त किया जा सकता है

2 प्रबंध क्षेत्र

व्‍यक्तिगत परीक्षण केवल व्‍यक्ति  पर ही प्रयोग किया जा सकता है

यह व्‍यक्ति एवं समूह दोनो में किया जा सकता है

3 समय सीमा

इसमे  अधिक समय लगता है

इसमें समय कम  लगता है

4 विशेषज्ञ

व्‍यक्तिगत बुद्धि परीक्षण के लिए सुशिक्षित योग्‍य एवं कुशल मनोवैज्ञानिको की आवश्‍यकता होती है

इससे कम प्रशिक्षित , कम योग एवं कम कुशल व्‍यक्तियो की आवश्‍यकता होत है

 

5 बस्‍तुनिष्‍ठता

व्‍यक्तिगत बुद्धि परीक्षण कम वस्‍तुनिष्‍ठ होते है अर्थात निश्चित उत्‍तर नही होता

यह परीक्षण वस्‍तुनिष्‍ठ होता है अर्थात निश्चित उत्‍तर होता है

6 मूल्‍य

यह अधिक खर्चीला होता है

यह कम खर्चीली होती है

7 स्‍वतंत्राता

इस परीक्षण में छात्र स्‍वतंत्र का अनुभव नही  करता है

इस परीक्षण में छात्र स्‍वंतत्रता का अनुभव करता है

8 शिक्षा

यह पढे लिखे एवं अनपढ दोनो व्‍यक्तियो के लिए होता है

यह केवल पढे लिेखे व्‍यक्तियो के लिए होता है

9 प्रकार

यह शाब्दिक और अशाब्दिक दोनो प्रकार का हो सकता है

यह केवल शाब्दिक हो सकता है

10 नकल

इसमें नकल करने की कम संभावना होती है

इसमे नकल करने की अधिक संभवना होती है

 

11 मूल्‍यांकन

विघार्थी के गुण –दोषो का पूर्ण  अध्‍ययन किया जा सकता है

विघार्थी के गुण दोषो का पूर्ण अध्‍ययन नही किया जा सकता है



बुद्धि परीक्षण शाब्दिक परीक्षण  एवं अशाब्दिक परीक्षण

आधार

शाब्दिक परीक्षण

अशाब्दिक परीक्षण

1 भाषा

    · इसमें भाषा या  शब्‍दो का प्रयोग किया जाता है

     इसमें शब्‍दो का प्रयोग नही किया जाता बल्कि प्रतिको , चित्रो , मूर्त पदार्थ आदि का प्रयोग किया जाता है

2 प्रयोग

    · केवल शिक्षित व्‍यक्तियो पर ही प्रयोग किया जा सकता है

    · यह बडे बालको के लिए उपयोगी है

    · मंद बुद्धि के बालको के लिए उपयोगी है

    · शिक्षित एवं अशिक्षित दोनो पर किया जा सकता है

    · यह छोटे बालको के लिए उपयोगी है

    · सभी प्रकार के बालको के लिए उपयोगी है

3 पुस्‍तकीय  ज्ञान 

इस परीक्षण में पुस्‍तकीय ज्ञान का प्रभाव रहता है

इस परीक्षण में पुस्‍तकीय ज्ञान का प्रभाव नही पडता

4 प्रकार

यह व्‍यक्तिगत और सामूहिक दोनो प्रकार का होत सकता है

यह केवल व्‍यक्तिगत परीक्षण का प्रकार है

5 तुलना

व्‍यक्ति के विभिन्‍न गुणो की तुलना नही की जा सकती

व्‍यक्ति के विभिन्‍न गुणो की तुलना की जा सकती है

6 संस्‍कृति

इस परीक्षण में संस्‍कृति का प्रभाव दिखाई देता है

यह संस्‍कृति मुक्‍त परीक्षण कहलाता है




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हम ने सीखा
इस पोस्‍ट में हम ने बुद्धि के निर्माण का आलोचनात्‍मक द्ष्टिकोण  एवं बहुआयामी बुद्धि के बारे में विस्‍तार से जाना और बुद्धि परीक्षण क्‍या है उसके प्रकार को भी  जाना आशा करता हॅू । आप सभी को यह पोस्‍ट अच्‍छी लगी होगी । 
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